सोमवार को धरासू-नालूपानी के बीच हुए कार हादसे में अनोल गांव निवासी बचन दास का हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। इस हादसे ने एक ही झटके में उनकी दो बेटियों, दो नातियों, दामाद और साढ़ूू भाई को छीन लिया, जबकि एक नाती अभी भी लापता है।
अनोल गांव निवासी 60 वर्षीय बचन दास और उनकी पत्नी देवेश्वरी देवी सोमवार सुबह से ही उत्साहित थे, क्योंकि उनकी बेटी आरती विगत 14 फरवरी को हुए परिवार नियोजन के ऑपरेशन के बाद घर लौट रही थी। आरती और उसकी बेटी यामिनी के साथ बचन दास की बड़ी बेटी रोशनी, उसका पति बृजलाल व दो बेटे प्रियांशु और दिव्यांशु भी घर आ रहे थे। इन सभी को बचन दास के साढ़ूू भाई बुद्धि प्रकाश जो चिन्यालीसौड़ में ही विद्युत विभाग में कार्यरत थे, अपनी कार से ला रहे थे। सभी का बेसब्री से इंतजार कर रहे बचन दास ने उन्हें फोन भी किया, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। उस वक्त तक इस बुजुर्ग दंपति को हादसे की जानकारी नहीं थी। बाद में दुर्घटना की सूचना मिलते ही बुजुर्ग दंपति सदमे में बदहवास हो गए। उन्हें गांव के लोगों ने किसी तरह संभाला। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बचन दास की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। सबसे छोटी बेटी दिव्यांग है, जबकि दोनों बेटे बाहर प्राइवेट नौकरी करते हैं। बचन दास गांव में ही टेलरिंग का काम करके गुजर बसर करते हैं। हादसे में मृत उनकी दूसरी बेटी आरती की ससुराल हरियाणा में है। उसका तीन वर्ष का बेटा दक्ष भी अपनी मां के साथ उत्तरकाशी आया था, लेकिन विगत रविवार को उसकी नानी देवेश्वरी देवी उसे अपने साथ अनोल गांव ले आई थी।